उत्तराखण्ड

संवैधानिक हत्या का भ्रम फैलाने वालों के दागदार इतिहास को दर्शाता है आपातकालः भट्ट

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देहरादून। भाजपा ने आपातकाल की त्रासदी को काला दिवस के रूप में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश भर में मनाया। इस मौके पर अपने संदेश में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, लोकतंत्र की हत्या की कोशिशों और उसे विफल करने वाले आंदोलनकारियों की स्मृतियों को सदैव याद रखना जरूरी है। ताकि संविधान की हत्या करने का भ्रम फैलाने वालों को आईने में अपना दागदार इतिहास भी नजर आए।श्री भट्ट द्वारा जारी अपने संदेश में कहा गया कि हम विश्व का सबसे बड़ा और मजबूत लोकतंत्र का हिस्सा हैं । बावजूद इसके एक दौर आपातकाल का रहा जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र और सवेंधानिक अधिकारों को कुचलने का पाप किया । हम मानते हैं कि देश की वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को भी इस दौरान हुए अत्याचार और इस कुकृत्य के खिलाफ संघर्ष करने वालों को याद किया जाए । साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा कि जिन लोगों के हाथ लोकतंत्र की हत्या से रंगे हों, वे लोकतंत्र बचाने का झूठा दावा करते फिर रहे हैं । संविधान खतरे में होने का भ्रम फैलाने वालों का असली चेहरा हर साल 25 जून को जनता के सामने आ जाता है।
वहीं प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चैहान ने जानकारी दी कि सभी जिलों में इस संबंध में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । जिसमे विचार गोष्ठी एवं प्रेस कान्फ्रेंस के माध्यम से आपातकाल के काले इतिहास की विस्तृत चर्चा की गई । साथ ही मीसा बंदियों से संपर्क कर उन्हें सम्मानित कर, इस दौरान उनके अनुभवों को साझा किया गया । इन कार्यक्रम श्रंखला को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी जानते हैं कि 25 जून, 1975 को कांग्रेस शासन द्वारा आपातकाल लागू किया गया था। इस दौरान लोकतंत्र की हत्या, मानवाधिकारों का हनन एवं देशवासियों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार किए गए । यही वजह है कि देश के इतिहास में यह दिन काला दिवस के रूप में जाना जाता है। पार्टी मानना है कि देश में लोकतंत्र की मजबूती और अभिव्यक्ति की आजादी को कायम रखने के लिए, आपातकाल के स्याह पन्नों को पलटने की बहुत जरूरत है। ताकि वर्तमान के साथ नई पीढ़ी को भी इस दौरान हुई तानाशाही एवं ज्यादतियों का अहसास हो और भविष्य में इस तरह प्रयास करने की कोई जुर्रत नही कर सके ।

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