उत्तराखण्ड

परीक्षा स्थगित होने के बाद भी शिक्षक संघ का अनशन जारी

ख़बर शेयर करें

देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग में माध्यमिक शिक्षा की शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह ठप होने की तरफ बढ़ रही है। राजकीय शिक्षक संघ ने प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती मामले पर कदम पीछे खींचने से साफ इंकार कर दिया है। स्थिति यह है कि शिक्षा सचिव के लिखित आदेश पर भी शिक्षक मानने को तैयार नहीं हैं। बड़ी बात यह है कि शिक्षकों ने चरणबद्ध तरीके से शुरू हुए आंदोलन को अब क्रमिक अनशन तक पहुंचा दिया है और आने वाले दिनों में कार्य बहिष्कार की भी तैयारी की जा रही है। उधर शिक्षा विभाग इन परिस्थितियों से निपटने में पूरी तरह लाचार नजर आ रहा है।
इसी कड़ी में शिक्षक संगठन ने तीसरे दिन क्रमिक अनशन जारी रखा। इस दौरान सैकड़ों शिक्षक शिक्षा निदेशालय में जुटकर अपनी मांग को सरकार से मनवाने के लिए एकजुट दिखाई दिए। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह शिक्षकों से बिना परामर्श के लिया गया है। जबकि सीधी भर्ती के लिए परीक्षा स्थगित किए जाने का पत्र लोक सेवा आयोग को दिए जाने के बाद भी शिक्षक संगठन संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षक संगठनों से बात करते हुए उन्हें संतुष्ट नहीं किया जाता, शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा।
यह मामला प्रधानाचार्य पद पर परीक्षा के जरिए चयन से जुड़ा हुआ है। जबकि शिक्षक संगठन की मांग है कि पूर्व की भांति ही प्रधानाचार्य पद पर शत प्रतिशत प्रमोशन के जरिए ही चयन किया जाए। हालांकि, इससे पहले प्रधानाचार्य पद भरने के लिए शिक्षा विभाग अपना प्रस्ताव कैबिनेट में ला चुका है और कैबिनेट ने नियमावली में संशोधन करते हुए अब 50 प्रतिशत पदों पर भर्ती के लिए प्रमोशन तो 50 प्रतिशत विभागीय सीधी भर्ती के जरिए पद भरे जाने का निर्णय लिया है।

Related Articles

Back to top button